Thursday, 26 April 2018

भूलना चाहो तो भी याद हमारी आएगी,



भूलना चाहो तो भी याद हमारी आएगी, दिल की गहराई में हमारी तस्वीर बस जाएगी, ढूढ़ने चले हो हमसे बेहतर दोस्त, तलाश हमसे शुरू होकर हमपे ही ख़त्म हो जाएगी...



सब कुछ मिला सुकून की दौलत नहीं मिली, एक तुझको भूल जाने की मौहलत नहीं मिली, करने को बहुत काम थे अपने लिए मगर, हमको तेरे ख्याल से कभी फुर्सत नहीं मिली।


धोखा देना फितरत थी उनकी हम ने तो आशिकी की थी मजाक बना दिया उन्होने जजबातो का हम ने तो केवल उन्हें चाहा था


तेरे पास से जो गुजरे तो बेखुदी में थे हम, कुछ दूर जाके संभले तुझे याद करके रोये।
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एक हल्की सी झलक क्या मिली बेचैन नज़रों को, हज़ारों ख़्वाब दिल ने देख डाले चंद लम्हों में!



दिल ही दिल में तुम्हें प्यार करते हैं, चुप-चाप मोहब्बत का इजहार करते हैं, ये जानते हुए भी आप मेरी किस्मत में नहीं, पर पाने की कोशिश बार-बार करते है।


इश्क में, मैं खुद को बेकसूर कहती थी पहले भूल जाती हूँ कि इस दिल की भी तो शरारत थी कुछ……


जरुरी तो नहीं जीने के लिए सहारा हो, जरुरी तो नहीं हम जिनके हैं वो हमारा हो, कुछ कश्तियाँ डूब भी जाया करती हैं, जरुरी तो नहीं हर कश्ती का किनारा हो।



नज़र में ज़ख़्म-ए-तबस्सुम छुपा छुपा के मिला, खफा तो था वो मगर मुझ से मुस्कुरा के मिला, वो हमसफ़र कि मेरे तंज़ पे हंसा था बहुत, सितम ज़रीफ़ मुझे आइना दिखा के मिला, मेरे मिज़ाज पे हैरान है ज़िन्दगी का शऊर, मैं अपनी मौत को अक्सर गले लगा के मिला,



उसे तोहफे देना पसन्द था पर मुझे लेना अच्छा नही लगता बीच का रास्ता ढूंढ कर मैं बोली की चलो कुछ गैर कीमती दे दो जो न तुम्हारे जेब को भारी पड़े न मेरे मन पे भार बने नादान था मुस्कान दे गया..


दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बैठे, यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बैठे, वो हमे एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का, और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बैठे !!

उम्र भर मैं यही भूल करती रही,



"तमन्ना है मेरे मन की, हर पल साथ तुम्हारा हो....!! जितनी भी सांसें चलें मेरी हर सांस पर नाम तुम्हारा हो....!!


बड़ी मुद्दत से चाहा है तुम्हे, बड़ी दुआओं से पाया है तुम्हे, तुम ने भुलाने का सोचा भी कैसे, किस्मत की लकीरों से चुराया है तुम्हे !!



कुछ रिश्तों को कभी भी… नाम ना देना तुम… इन्हें चलने दो ऐसे ही… इल्ज़ाम ना देना तुम ॥ ऐसे ही रहने दो तुम… तिश्नग़ी हर लफ़्ज़ में… के अल्फ़ाज़ों को मेरे… अंज़ाम ना देना तुम ॥



अकेले हम बूँद हैं, मिल जाएं तो सागर हैं अकेले हम धागा हैं, मिल जाएं तो चादर हैं अकेले हम कागज हैं, मिल जाए तो किताब हैं।


कुछ रिश्तों को कभी भी… नाम ना देना तुम… इन्हें चलने दो ऐसे ही… इल्ज़ाम ना देना तुम ॥ ऐसे ही रहने दो तुम… तिश्नग़ी हर लफ़्ज़ में… के अल्फ़ाज़ों को मेरे… अंज़ाम ना देना तुम ॥


उसने होठों से छू कर दरिया का पानी गुलाबी कर दिया, हमारी तो बात और थी उसने मछलियों को भी शराबी कर दिया।



ए फलक चाहिए जी भर के नजारा हमको जा के आना नहीं दुनिया में दोबारा हमको हम किसी जुल्फे-परेशा की तरह ए तक़दीर खूब बिगड़े थे मगर खूब सवारा हमको...
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मदद करना सीखिए ....फायदे के बग़ैर.... मिलना जुलना सीखिए ...मतलब के बग़ैर... ज़िन्दगी जीना सीखिए ...दिखावे के बग़ैर.... प्रभू पर विश्वास रखिए ...किसी शंका के बग़ैर.... और सदा मुस्कुराइए....



वो आपका पलके झुका के मुस्कुराना; वो आपका नजरें झुका के शर्मना; वैसे आपको पता है या नहीं हमें पता नहीं; पर इस दिल को मिल गया है उसका नज़राना।



महबूब मेरे महबूब मेरे तूं है तो दुनिया कितनी हंसी है जो तूं नहीं तो कुछ भी नहीं है महबूब मेरे महबूब मेरे



हाल ....मीठे फलों का मत पूछिए साहब, रात दिन, चाकू की नोंक पे रहते है.


मुस्कुराते पलको पे सनम चले आते हैं आप क्या जानो कहाँ से हमारे गम आते हैं आज भी उस मोड़ पर खड़े हैं जहाँ किसी ने कहा था कि ठहरो हम अभी आते हैं…



उम्र अपने हसीं ख्वाबों की मैंने तो तेरे प्यार को दे दी...!! नींद जितनी थी मेरी आँखों में सब तेरे इंतजार को दे दी...!


हिम्मत इतनी थी की समुंदर भी पार कर सकते थे, मजबूर इतने हूए की दो बूँद आँसूओ ने डूबो दिया हमें



सुनो ना बाबू ...'"कहो तो ज़रा झूम लू ..मचलती बहार में .. दिल केहता हैं ...जाने जाना ..हद से गुजर जाऊँ प्यार में ..!


खो गया आज फिर एक दिन उनकी चाह में, सबब उनसे इश्क का अब नजर आने लगा है.....



दिल से तेरी याद को जुदा तो नहीं किया! रखा जो तुझे याद कुछ बुरा तो नहीं किया! हम से लोग हैं नाराज़ किस लिये! हमने कभी किसी को खफा तो नहीं किया!


वक्त गुजर जाएगा याद आया करेगी ! हमारी बाते आपको अकेले में गुदगुदाया करेगी !! याद करते और याद आया करना...! दूरियाँ नजदीकियों में बदल जाया करेगी !!



तमन्ना से नहीं तन्हाई से डरते हैं, प्यार से नहीं रुसवाई से डरते हैं; मिलने की बहुत चाहत है आपसे, पर मिलने के बाद जुदाई से डरते हैं|



जिंदगी का राज़, राज़ रहने दो, जो भी हो ऐतराज़, ऐतराज़ रहने दो; जब भी दिल, दिल से मिलना चाहे साथी, तब ये मत कहना कि आज रहने दो|

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ये जो पानी की बूंदे मेरी तशरीफ पर चिपकी हैं, इन्ही की वजह से कईयों नियतें और जायदादें बिकी हैं ...


वो जो मेरे अंदर कुछ बाकी है..वो गुमसुम सा लगता है..! कभी आँखें बंद कर के देखूँ तो..वो तुम सा लगता है...!!


हम मानते है कि हमें फुर्सत नही मिलती , मगर ये भी सच है तुम्हें जब याद करते है तो जमाना भूल जाते है....



दोस्ती वो नहीं जो जान देती है दोस्ती वो भी नहीं जो मुस्कान देती है, अरे सच्ची दोस्ती तो वो है.. जो पानी में गिरा हुआ आंसू भी पहचान लेती है


ना मुस्कुराने को जी चाहता है ना आंसू बहाने को जी चाहता है लिखूं तो क्या लिखूं तेरी याद मे बस तेरे पास लौट आने को जी चाहता है



आँखों से आंसू न निकले तो दर्द बड जाता है उसके साथ बिताया हुआ हर पल याद आता है शायद वो हमें अभी तक भूल गए होंगे मगर अभी भी उसका चेहरा सपनो में नज़र आता है



हमने भी कभी प्यार किया था थोड़ा नही बेशुमार किया था बदल गयी जिंदगी तब जब उसने कहा अरे पागल मैने तो मज़ाक किया था

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