जिंदगी मुश्किलो से भरी हो भले
होसलो से सभी को मिटा दीजिए
कुछ तो मॆरी वफा का सिला दीजिए
दर्द दिल का बढ़ा अब दवा दीजिए
लौट के आएगी रौनकें फिर चमन
फासले गर दरमिया मिटा दीजिए
रूठने से तेरे ज़ीस्त बेकल मॆरी
हो गई है खता गर सजा दीजिए
ज़ीस्त को भी मॆरी चैन मिल जाएगा
हमनवा इक दफा मुस्कुरा दीजिए
कोयलो के भी सुर आपसे है सनम
आज फिर गीत कोइ गुनगुना दीजिए
इल्तिजा है खुदा तुझसे महबूब का
साथ मुमकिन नही तो कजा दीजिए
स्वर्ण बनता है कुंदन अनल गोद मे
आज ये दिल तुम अपना तपा दीजिए ॥
जब प्यार किसी से होता है
हर दर्द दवा बन जाता है
क्या चीज मुहब्बत होती है
एक शख्स खुदा बन जाता है
ये लब चाहे खामोश रहें
आँखों से पता चल जाता है
कोई लाख छुपा ले इश्क मगर
दुनिया को पता चल जाता है
जब इश्क का जादू चलता है
सेहरा में फूल खिल जाता है
जब कोई दिवाना मचलता है
तब ताजमहल बन जाता है
बेवजह बस वबाल करते हो
जिंदगी को मुहाल करते हो
न किसी का खयाल करते हो
जान! कितने सवाल करते हो
जी दुखाते हो पहले जी-भरकर
बाद मन में मलाल करते हो
अश्क देते हो पहले आँखों को
बाद हाजिर रूमाल करते ह
खुद ही बर्खास्त करते हो दिल से
खुद ही वापिस बहाल करते हो
अपनी तिरछी निगाह से पढ़कर
मेरा चेहरा गुलाल करते हो
जब नजर को नजर समझती है
लफ्ज क्यों इस्तेमाल करते हो
मुझपे केवल सिवम सितम केवल
गैर को ही निहाल करते हो
पल में शोला तो पल में शबनम हो
तुम भी सचमुच कमाल करते हो
जिंदगी को मुहाल करते हो
न किसी का खयाल करते हो
जान! कितने सवाल करते हो
जी दुखाते हो पहले जी-भरकर
बाद मन में मलाल करते हो
अश्क देते हो पहले आँखों को
बाद हाजिर रूमाल करते ह
खुद ही बर्खास्त करते हो दिल से
खुद ही वापिस बहाल करते हो
अपनी तिरछी निगाह से पढ़कर
मेरा चेहरा गुलाल करते हो
जब नजर को नजर समझती है
लफ्ज क्यों इस्तेमाल करते हो
मुझपे केवल सिवम सितम केवल
गैर को ही निहाल करते हो
पल में शोला तो पल में शबनम हो
तुम भी सचमुच कमाल करते हो
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