Sunday, 10 September 2017

ना जाने दिल क्यों खिंचा जाता है

ना जाने दिल क्यों खिंचा जाता है उसकी तरफ, कया उसने भी मुझे पाने की दुआ माँगी हैं......!!





कुछ रिश्ते.... बुझा...देते...है कुछ...रिश्ते... जला...देते है... हर सूरत...में... राख...होती है...जिंदगी...


समझ आया तमाम सुर्खियाँ ज़माने की कहाँ जाती है। तेरे इन सुर्ख होठों को देखकर बस यहीं रुक जाती हैं।






*हमें अक्सर,महसुस होता है* *कि दुसरों का जीवन,अच्छा है..* *लेकिन* *हम भुल जातें हैं कि,उनके लिए* *हम भी दुसरे ही हैं*





*नाराज़गी भी खूबसूरत रिश्ता है,* *व्यक्ति दिल और दिमाग दोनों में रहता है...





मेरी महबूब उन्हें भी तो मुहब्बत होगी जिनकी सन्नाई ने बख्शी है इसे शक्ल-ए-जमील उन के प्यारों के मक़बीर रहे ....















आज हम दोनो को फुर्सत है चलो इशक करे इशक दोनो की जरूरत है चलो इशक करे


तेरे गुलाबी लाबो से शबनम के दाने चुराऊ जो बात ख़तामें लिखी ना आजा तुझे मैं यू ही आँहे भरते भरते तौबा मैने डरते 







आज फिर शाख से... सुनहरे पतों का जमी पर बरसता देखा फिर तेरी याद के लाये में एक दिन को गुजरता देखा....





हँसी आपकी कोई चुरा ना पाये, आपको कभी कोई रुला ना पाये, खुशियों का दीप ऐसे जले ज़िंदगी में.. कि कोई तूफ़ान भी उसे बुझा ना पाये





अच्छा दोस्त एक फूल की तरह होता हे जिसे हम छोड़ भी नही सकते ओर तोड़ भी नही सकते तोड़ दिया तो मुरझा जाए गा और छोड़ दिया तो कोई और ले जाए गा



नींद आँखों से निकलकर रातभर सोती रही, तेरा चेहरा सामने था गुफ्तगू होती रही...











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Indian Beautiful

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