Friday, 8 September 2017

हार चुके हैं बदकिस्मती से तो ये बातें फिर से आपको विनर बना देंगी


हार चुके हैं बदकिस्मती से तो ये बातें फिर से आपको विनर बना देंगी





किस्मत का खेल

“किस्मत”... एक ऐसा शब्द है, जिसे कभी-कभी तो लोग बेहद खुशी से पुकारते हैं लेकिन जब वे बेहद परेशान हों तो वे उस इंसान को कोसते हैं जिसने यह शब्द बनाया। लोग कहते हैं कि किस्मत एक राजा को रंक और एक गरीब को भी अमीर बना सकती है। क्या आप भी किस्मत के इस दस्तूर को मानते हैं?



इसे खुद पर हावी ना होने दें

मेरी राय में आजकल हर दूसरा इंसान किस्मत नामक शब्द पर विश्वास करता है। उन्हें लगता है कि उनकी खुशी और दुख, दोनों ही किस्मत के हाथों हैं। इसलिए वे खुद अपने सुख-दुख पर नियंत्रण रखने की कोशिश भी नहीं करते, लेकिन यह तो गलत है ना! आप चाहें तो अपनी किस्मत के सितारों को बदल सकते हैं।




खुशी को जी लें

अगर बदल भी नहीं सकते तो कम से कम जिन खुशियों को महसूस कर सकते हैं उनका तो जी भर के अपने जीवन में स्वागत करें। क्योंकि जब तक हम छोटी-छोटी खुशियों का आनंद नहीं लेंगे, तो ज़ाहिर है कि बड़ी खुशियां भी हमसे मुख मोड़कर जा सकती हैं।



बुरा वक्त अवश्य जाएगा

लेकिन यह बात भी सही है कि जब वक्त ही बुरा चल रहा हो तो हम खुशियों को कैसे महसूस करें? हमारी आंखों के सामने ही जब बहुत बुरा स्थिति खड़ी हो तो ऐसे में हम अपनी ज़िंदगी को अच्छा कैसे मान सकते हैं। लेकिन वक्त हर समय एक जैसा भी तो नहीं रहता, इसलिए वक्त के साथ हमें अपनी सोच भी बदल लेनी चाहिए।



जानें कुछ अनमोल बातें

आज हम आपको एक ऐसी लिस्ट से परिचित कराएंगे जिसमें वह बातें है जो यकीनन आप सभी के जीवन से जुड़ी हैं। कुछ ऐसी बातें जो आपको असल खुशनुमा जीवन का एहसास कराएंगी। जो आपको कहेंगी कि ‘हमें याद करते रहो और मुस्कुराते रहो’। पढ़ें आगे की स्लाइड्स में कुछ ऐसी बातें जिन्हें यदि आप समय-समय पर अपने ज़हन में लाएंगे तो वाकई एक खुशहाल जीवन व्यतीत करेंगे:




आज को भी जी लो

यही तो पल है जो जीवन है... यह बात मैंने कहीं पढ़ी थी, लेकिन तब इसका इतनी गहराई से अर्थ नहीं समझा था, जितना कि आज समझ में आ रहा है। हमारा बीता हुआ कल कैसा था और आने वाला जीवन कैसा होगा, इसके बारे में हम क्यों विचार करें? जबकि हमारे पास हमारा ‘आज’ मौजूद है, यदि बीते कल और आने वाले पल की ही चिंता में लगे रहेंगे तो हम अपना आज कभी भी महसूस नहीं कर पाएंगे।



धीरे-धीरे सब बदलता है

क्योंकि यह आज धीरे-धीरे बीत जाएगा, हमारा बीता हुआ समय बन जाएगा जिसे हमने बिलकुल भी खुशी से अपनाया नहीं था। फिर हम दोबारा से बीते हुए बुरे कल को याद करके दुखी होंगे। इसलिए उस समय की कद्र करें जो हमारे पास है। आप वाकई खुश रहेंगे।



वक्त हमारा जरूर होगा

क्या आपने कभी घड़ी की सुईयों को ध्यान से देखा है? इसमें तीन कांटे होते हैं, एक कांटा सेकेंड्स को दर्शाता है तो अन्य दो कांटे मिनटों तथा घण्टों के बीतने पर बदलते हैं। यदि घड़ी सही काम कर रही है तो सेकेंड्स वाला कांटा कभी नहीं रुकता, लेकिन मिनट वाला और एक घंटे बाद बदलने वाला कांटा भी अपनी समय सीमा के आधार पर बदलता जरूर है। रुकता तो वह भी नहीं!




घड़ी की तरह हैं हमारी ‘लाइफ’

तो इसे देखकर हम क्यों नहीं समझते कि घड़ी के वक्त की तरह हमारा वक्त भी रुका हुआ नहीं है। आज अंधेरा है तो कल उजाला जरूर होगा... और आज यदि दुख है तो एक ना एक दिन खुशी आएगी ही। ऐसे में हम इतने दुखी क्यों हों? बल्कि हमें हिम्मत करके परिस्थितियों से लड़ना चाहिए और अच्छे वक्त का इंतजार करना चाहिए।



हम सुबह एक नया सवेरा है

यह बातें कहने में जरूर अच्छी लगती हैं, कहीं किताबों में पढ़ें तो और भी प्रेरणात्मक लगती हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि हम इन्हें अपनी ज़िंदगी पर अमल नहीं कर सकते। क्योंकि असंभव तो कुछ भी नहीं है... और बुरा वक्त तो मात्र एक परिस्थिति की तरह होता है जो रात के अंधेरे के बाद सूरज उगने के साथ ही रोशनी की तरह नई खुशियों को लेकर आता है।



हमारे हाथ में बंधी नहीं रहतीं यह परिस्थितियां

क्या आप हाथों में हवा को कैद कर सकते हैं? नहीं ना? तो फिर हमेशा की तरह दुख हमारे हाथों को कब तक जकड़ कर रख सकते हैं? यह भी एक ना एक दिन खुद ही हमें रिहा कर देते हैं और खुशियों की ओर ढकेल देते हैं।




यही है आपकी क्षमता

अगला सुझाव हम आपकी क्षमता को दिमाग में रखते हुए बताएंगे... फर्ज़ कीजिए आपको सामने पड़ी अनाज की बोरी उठानी है। यदि आपकी क्षमता साधारण है तो हो सकता है कि आप 20 किलोग्राम की बोरी उठा लें, लेकिन यदि आप शक्तिशाली हैं तो आप 20 किलोग्राम की एक तो क्या, दो बोरियां भी उठा सकते हैं।



क्या आप कर सकते हैं ये?

लेकिन एक साधारण क्षमता वाला इंसान तो एक से अधिक बोरी उठा ही नहीं सकता। बस इसी प्रकार से हमारी ज़िंदगी भी हमें उतना ही दर्द देती है जितना कि हम सहन कर सकें। यदि इससे अधिक मिले तो इंसान टूट जाता है। लेकिन टूटने की बजाय हमें खुद में इतनी क्षमता उत्पन्न कर लेनी चाहिए कि हम परिस्थितियों का सामना कर सकें।



खुद पर गर्व करें

ऐसे में आप खुद पर गर्व भी महसूस करने लगेंगे, क्योंकि अचानक खुद में हिम्मत देखकर आप खुद भी अचंभे में आ जाएंगे। बस यहीं आपको ज़िंदगी की एक और सीख मिल जाएगी। आप समझ जाएंगे कि यही तो आपकी ताकत है, क्योंकि भले ही देखने में हम साधारण हों, लेकिन भगवान ने हमें एक फरिश्ते की तरह पंख लगाकर भेजा है।




अपनी ताकत को पहचानें

बस हमें उन पंखों की ताकत को पहचानने की जरूरत है। इसके लिए सबसे पहले खुद में विश्वास, आत्मविश्वास पैदा करना होगा। क्योंकि यही तो इंसान की सबसे बड़ी ताकत है। याद रखें कि आत्मविश्वास उसी में होता है जिसमें कुछ कर गुजरने की ललक होती है।



ज़िंदगी से हारना नहीं

यदि आप में वह नहीं है, तो माफ कीजिएगा आप कुछ करने से पहले ही ज़िंदगी से हार चुके हैं। लेकिन हमारा सुझाव यही होगा कि हार मानने से पहले बस एक बार अपने विश्वास को जीतने की एक कोशिश तो करें... क्या पता आप सफल ही हो जाएं।



आत्मविश्वास पैदा करें

जहां तक मुझे लगता है एक इंसान का आत्मविश्वास सबसे ज्यादा तब टूटता है जब उसे कोई अपना या फिर गैर ही चोट पहुंचाए। उसकी पहचान का मजाक बनाए और उसे कायर समझने लगे। लेकिन जब ज़िंदगी आपकी है, उससे जुड़े फैसले आपके हैं, दुनिया में नाम भी आपका ही होगा, तो फिर कोई दूसरा आकर आपके आत्मविश्वास को ठेस कैसे पहुंचा सकता है?




किसी की चिंता क्यों करें हम?

और यदि उसने कुछ कह भी दिया तो यह तो हमारी समझ है कि उसे हम किस प्रकार से खुद पर हावी होने दें। इसलिए सबसे पहले तो लोगों की चिंता करना छोड़ दें क्योंकि यदि उनको आपकी चिंता होती तो वे कभी भी आपको चोट ना पहुंचाते। इसलिए अपने दिमाग को चिंताओं से हटाकर अपनी ज़िंदगी को सही बनाने में लगाएं।



प्लानिंग से चलें

आपको परिस्थितियों को सही कैसे बनाना है, कौन सा मार्ग चुनना है और कैसे उस पर अपनी सोच को अमल करना है, आपको यह सब प्लान करने की जरूरत है, ना कि अपनी चिंताओं को लेकर बैठने की। यह बात तो पक्की है कि ज़िंदगी की लड़ाई में हम खुद को अकेला महसूस करते हैं।



अकेले होकर भी खुश रहें

क्योंकि कोई कितना भी अपना हो लेकिन उस दर्द को महसूस नहीं कर सकता जिसका एहसास हमें हो रहा है। इसलिए चाहे अकेले रहकर, लेकिन ज़िंदगी की इस लड़ाई को जरूर लड़ें। और जीतने की ललक खुद में बनाए रखें। वाकई जीत आपकी होगी।




केवल बातें नहीं है ये

यकीनन यह बातें कहना आसान है, कुछ अच्छे शब्दों को जोड़कर बनाया गया यह ब्लॉग जरूर आपको पसंद आएगा। लेकिन मन में एक सोच यह भी आती है कि कहने की बजाय इन बातों को अमल कर सकना बेहद ही मुश्किल है। लेकिन असंभव जैसे शब्द को काटने में जो सुकून मिलता है वह दुनिया की किसी भी अन्य खुशी में नहीं है। और हमें यह करके दिखाना है......

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