Sunday, 10 September 2017

वो रोए तो बहुत,


वो रोए तो बहुत,

पर मुझसे मुँह मोड कर रोए,

कोई मजबूरी होगी तो दिल तोड कर रोए,

मेरे सामने कर दिए मेरे तस्वीर के टुकड़े,

पता चला मेरे पीछे वो उन्हें जोड कर रोए**




शीशे में डूब कर पीते रहे उस ‘जाम’ को,

कोशिशें तो बहुत की मगर,

भुला न पाए एक ‘नाम’ को**





झूठी ताकत में तू डूबा क्यों #इंसान,

रँग बदलना छोड़ दे तू है दो पल का मेहमान,

ये सोना ये #दौलत कुछ साथ नहीं जायेगा तेरे,

किया कर्म जो तूने बन्दे संग में जायेगा वो तेरे,

हाथ पसार कर माँग लो रब से,

सब कुछ वह तुझको दे देगा,

किया कर्म जो तूने #गन्दा,

फिर ना वह माफी देगा**

तूम छा गये हो कोहरे की तरह,

मेरे चारो तरफ,

न कोई दूसरा दिखता है,

ना देखने की चाहत है**



🌿🌿तुलसी जी की सेवा के लाभ🌿🌿


🌿🌿यद्यपि हम भगवान की शाश्वत पार्षद तुलसी जी का गुणगान पूर्णता कभी नही कर सकते। शास्त्र हमे उनकी आराधना के लाभ के थोड़े से भाग का वर्णन करते है।निचे दिया गया विवरण पद्यपुराण से लिया गया है।

🌿🌿◀तुलसी सभी भक्तिमय क्रियाओं की सार है।

🌿🌿◀तुलसी देवी की पतियाँ फूल मूल छाल शाखाएं तना एवम् छाया सभी आध्यात्मिक है।

🌿🌿◀जो कोई बी भक्ति के साथ तुलसी की लकड़ी का लेप भगवान श्री कृष्ण के अर्चाविग्रह को अर्पित करता है वह सदैव श्री कृष्ण के साथ निवास करता है।

🌿🌿◀ जो कोई भी तुलसी जी के पोधे से मिट्टी लेकर अपने शरीर पर लगाकर भगवान श्रीकृष्ण के विग्रह की आराधना करता है उसे प्रतिदिन 100 दिन आराधना करने का लाभ प्राप्त होता है।

🌿🌿◀ जो कोई भी तुलसी मंजरी भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित करता है उसे सभी प्रकार के फूल अर्पित करने का लाभ प्राप्त होता है।और वह भगवान श्रीकृष्ण के धाम वापिस जाता है।

🌿🌿▶जो कोई भी उस घर या बगीचे के निकट जाता है जहाँ तुलसी जी का पौधा हो वो सभी प्रकार के पापों से तक की ब्राह्मण की हत्या के पापों से भी मुक्त हो जाता है।

🌿🌿◀ जिस घर में बगीचे में शहर में तुलसी जी हो वहाँ भगवन श्रीकृष्ण बहुत प्रसंता के साथ निवास करते है।

🌿🌿◀वह घर जहाँ तुलसी जी है वह घर सब तीर्थो से भी अधिक पवित्र बन जाता है।

🌿🌿◀तुलसी जी की सुगंध लेने से सब शुद्ध हो जाते है।

🌿🌿◀भगवान श्री कृष्ण एवम् सभी देवता उस घर में रहते है जहाँ तुलसी के पोधे की जड़ की मिटटी पायी जाती है।

🌿🌿◀जो भी श्री कृष्ण भगवान की आराधना तुलसी जी की पतियों के साथ करते है उसे सभी यज्ञ दान एवम् तप का लाभ प्राप्त होता है । वास्तव में उसका और कोई बी कर्त्तव्य नही रह जाता और उसने सभी शास्त्रो के मर्म को समज लिया है।

🌿🌿◀ जो अपने मुँह और सिर पे भगवान श्री कृष्ण को अर्पित की गई तुलसी को रखता है वह भगवान श्री कृष्ण के धाम को प्राप्त करता है।

🌿🌿◀कलयुग में जो तुलसी के निकट भगवन श्री कृष्ण के नाम का संकीर्तन करते है वह भगवान के धाम वापिस जाता है।

🌿🌿◀जो भगवान श्रीकृष्ण की आराधना तुलसी जी के साथ करता है वह अपने सभी पुरखो को जनम मृत्यु के चक्र से मुक्ति दिला देता है।

🌿🌿◀जो तुलसी देवी की महिमा का स्मरण एवम् दुसरो को उनका वर्णन बताता है वह पुनः भौतिक जगत में वापिस नही आता**





पता है तुम्हारी और हमारी,
मुस्कान में क्या फ़र्क है ..?
तुम खुश होकर मुस्कुराते हो ,
हम तुम्हें खुश देखकर मुस्कुराते हैं**




एक बार जी भर के देख लो इस चहेरे को,
क्योंकि बार-बार कफ़न उठाया नहीं जाता**
इस दिल मे आ सका न कोई ,
इस दिल को चुरा सका न कोई,
कसूर इसमे किसी का नही आपके तरह,
इस दिल मे जगह बना सका न कोई**
बिकती है न खुशी कही,
न कही गम बिकता है,
लोग गलतफहमी मे है,
कि शायद कही मरहम बिकता है**
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कोई फर्क नहीं होता है ज़हर और प्यार में,
ज़हर पीने के बाद लोग मर जाते हैं;
और प्यार करने के बाद लोग जी नहीं पाते**
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मैंने छोड़ दिया है किस्मत पर यकीन करना
जब लोग बदल सकते हैं तो,
किस्मत क्या चीज़ है**
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सुना है दुआ कबूल होने का,
कोई वक़्त नहीं होता...
दिल जानता है हमने,
तुम्हें किस वक़्त नहीं माँगा**
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इस्लाम का #अर्थ क्या है:~

रामायण में सभी राक्षसों का वध हुआ था लेकिन💥सूर्पनखा का वध नहीं हुआ था
उसकी नाक और कान काट कर छोड़ दिया गया था ।
वह कपडे से अपने चेहरे को छुपा कर रहती थी
रावन के मर जाने के बाद वह अपने पति के साथ शुक्राचार्य के पास गयी और जंगल में उनके आश्रम में रहने लगी ।

राक्षसों का वंश ख़त्म न हो इसलिए, शुक्राचार्य ने #शिवजी की आराधना की ।
शिव जी ने अपना स्वरुप शिवलिंग शुक्राचार्य को दे कर कहा की जिस दिन कोई "वैष्णव" इस पर गंगा जल चढ़ा देगा उस दिन राक्षसों का नाश हो जायेगा ।
उस आत्मलिंग को शुक्राचार्य ने वैष्णव मतलब
हिन्दुओं से दूर रेगिस्तान में स्थापित किया जो आज अरब में "मक्का मदीना" में है ।
सूर्पनखा जो उस समय चेहरा ढक कर रहती थी वो परंपरा को उसके बच्चो ने पूरा निभाया आज भी मुस्लिम औरतें चेहरा ढकी रहती हैं ।

सूर्पनखा के वंसज आज #मुसलमान कहलाते हैं
क्युकी शुक्राचार्य ने इनको जीवन दान दिया इस लिए ये #शुक्रवार को विशेष महत्त्व देते हैं ।
पूरी जानकारी तथ्यों पर आधारित सच है।⛳
🇸🇦🇹🇷🇸🇦🇹🇷🇸🇦🇹🇷🇸🇦🇹🇷🇸🇦🇹🇷🇸🇦
जानिए इस्लाम केसे पैदा हुआ..
👉असल में इस्लाम कोई धर्म नहीं है .एक मजहब है..दिनचर्या है..
👉मजहब का मतलब अपने कबीलों के
गिरोह को बढ़ाना..
👉यह बात सब जानते है कि मोहम्मदी मूलरूप से अरब वासी है ।
👉अरब देशो में सिर्फ रेगिस्तान पाया जाता है.
वहां जंगल नहीं है, पेड़ नहीं है. इसीलिए वहां मरने के बाद जलाने के लिए लकड़ी न होने के कारण ज़मीन में दफ़न कर दिया जाता था.
👉रेगिस्तान में हरीयाली नहीं होती.. एसे में रेगिस्तान में हरा चटक रंग देखकर इंसान चला आता जो की सूचक का काम करता था..
👉अरब देशो में लोग रेगिस्तान में तेज़ धुप में सफ़र करते थे,इसीलिए वहां के लोग सिर को ढकने के लिए टोपी 💂पहनते थे.
जिससे की लोग बीमार न पड़े.
👉अब रेगिस्तान में खेत तो नहीं थे, न फल, तो खाने के लिए वहा अनाज नहीं होता था.
इसीलिए वहा के लोग 🐑🐃🐄🐐🐖जानवरों को काट कर खाते थे. और अपनी भूख मिटाने के लिए इसे #क़ुर्बानी का नाम दिया गया.
👉रेगिस्तान में पानी की बहुत कमी रहती थी,💧 इसीलिए लिंग (मुत्रमार्ग) साफ़ करने में पानी बर्बाद न हो जाये
इसीलिए लोग #खतना
(अगला हिस्सा काट देना ) कराते थे.
👉सब लोग एक ही कबिले के खानाबदोश होते थे इसलिए आपस में भाई बहन ही निकाह कर लेते थे|
👉रेगिस्तान में मिट्टी मिलती नहीं थी मुर्ती बनाने को इसलिए मुर्ती पुजा नहीं करते थे|
खानाबदोश थे ,
👉 एक जगह से दुसरी जगह जाना पड़ता था इसलिए कम बर्तन रखते थे और एक थाली नें पांच लोग खाते थे|
👉दिन भर रेत में चलने से थक जाने पर रात को सुन्दर बीवी चाहिए इसलिए पुरा पैक बुर्का बनाया ताकी वो धुप में काली न हो..
👉कबीले की अधिक से अधिक संख्या बढ़े इसलिए हर एक को चार बीवी रखने की इज़ाजत दि..
🔥अब समझे इस्लाम कोई धर्म नहीं मात्र एक कबीला है..और इसके नियम असल में इनकी दिनचर्या है|
नोट : पोस्ट पढ़के इसके बारे में सोचो.
#इस्लाम_की_सच्चाई
अगर हर हिँदू माँ-बाप अपने बच्चों को बताए कि अजमेर दरगाह वाले ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती ने किस तरह इस्लाम कबूल ना करने पर पृथ्वीराज चौहान की पत्नी संयोगिता को मुस्लिम सैनिकों के बीच बलात्कार करने के लिए निर्वस्त्र करके फेँक दिया था और फिर किस तरह पृथ्वीराज चौहान की वीर पुत्रियों ने आत्मघाती बनकर मोइनुद्दीन चिश्ती को 72 हूरों के पास भेजा थातो शायद ही कोई हिँदू उस मुल्ले की कब्र पर माथा पटकने जाए

"अजमेर के ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती को ९० लाख हिंदुओं को इस्लाम में लाने का गौरव प्राप्त है. मोइनुद्दीन चिश्ती ने ही मोहम्मद गोरी को भारत लूटने के लिए उकसाया और आमंत्रित किया था...
(सन्दर्भ - उर्दू अखबार "पाक एक्सप्रेस, न्यूयार्क १४ मई २०१२).

अधिकांश मुर्दा हिन्दू तो शेयर भी नहीं करेंगे,,
धिक्कार है ऐसे हिन्दुओ पर**
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