Sunday, 1 July 2018

मोहब्बत शायरी |


मोहब्बत शायरी |

मोहब्बत पर लाखों क़िताबे लिखी जा चुकी हैं पर मोहब्बत के बारें में अभी भी बहुत कुछ लिखा जाना बाकी हैं. मोहब्बत (इश्क) को लोग ख़ुदा की इबादत मानते हैं. 
बेस्ट मोहब्बत शायरी |

ना जाने मोहब्बत में कितने अफ़साने बन जाते हैं,
शमां जिसको भी जलाती हैं वो परवाने बन जाते हैं,
कुछ हासिल करना ही इश्क की मंजिल नही होती
किसी को खोकर भी कुछ लोग दीवाने बन जाते हैं.

मेरे आंसुओं के दाम चुका ना पाओगे तुम,
मोहब्बत तो सम्भली नही तो दर्द क्या सम्भाल पाओगे तुम.

लोग कहते हैं कि मोहब्बत एक बार होती हैं,
लेकिन मैं जब-जब उसे देखू मुझे हर बार होती हैं.

मासूम मोहब्बत का बस इतना फ़साना हैं,
कागज़ की हवेली हैं, बारिश का जमाना हैं.

मुझे तुझ से नही तेरे अंदर बैठे रब से मोहब्बत हैं,
तुम तो बस इस जरिया हो मेरी इबादत का…

मोहब्बत को हद से गुजर तो जाने दो,
वो रोयेंगे जरूर हमें बिखर तो जाने दो.

कुछ लोग इस कदर दिल में उतर जाते हैं,
उनको दिल से निकालो तो जान निकल जाती हैं.

राज खोल देते हैं नाजुक से इशारे अक्सर,
कितनी ख़ामोश मोहब्बत की जुबान होती हैं.

ना हीरो की तमन्ना है और ना परियों पे मरता हूँ,
वो एक भोली से लड़की है जिससे मैं मोहब्बत करता हूँ.

अदा से देख लो जाता रहें गिला दिल का,
बस एक निगाह पे ठहरा है फैसला दिल का.

मोहब्बत किसी से करनी हो तो हद में रहकर करना,
वरना किसी को बेपनाह चाहोगे तो टूटकर बिखर जाओगे.

ऐसा नही कि दिल में तेरी तस्वीर नहीं थी,
पर हाथों में तेरे नाम की लकीर नहीं थी.

आज दिल से दिल को तू टच कर दे,
मोहब्बत में देखे सारे ख्व़ाब सच कर दे.

मोहब्बत में उनके एतबार कर बैठे,
यहीं खता थी कि हम उनसे प्यार कर बैठे.

अपनी मोहब्बत की बस इतनी सी कहानी हैं,
टूटी हुई कश्ती और ठहरा हुआ पानी हैं.

मैंने कब कहा तू मुझे गुलाब दे,
या फिर अपनी मोहब्बत से जवाज दे,
आज बहुत उदास है मन मेरा…
गैर बनके ही सही तू बस मुझे आव़ाज दे…

मोहब्बत का कोई रंग नहीं फिर भी वो रंगीन हैं,
प्यार का कोई चेहरा नहीं फिर भी वो हसीन हैं.

मेरी पलको की नमी इस बात की गवाह हैं,
मुझे आज भी तुमसे मोहब्बत बेपनाह हैं.

बस यहीं सोच कर तुझ से मोहब्बत करता हूँ,
मेरा तो कोई नही, मगर तेरा तो कोई हो…

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