एक पिता की प्रार्थना अपनी बेटी की शादी में अपने दामाद से🙏
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माँ की ममता का सागर ये,
मेरी आँखों का तारा है !
कैसे बतलाऊँ तुमको ,
किस लाड प्यार से पाला है !!
तुम द्वारे मेरे आए हो,
मैं क्या सेवा कर सकता हूँ !
ये कन्या रूपी नवरत्न तुम्हें,
मैं आज समर्पित करता हूँ !!
मेरे ह्रदय के नील गगन का,
ये चाँद सितारा है !
मैं अब तक जान ना पाया था,
इस पर अधिकार तुम्हारा है !!
ये आज अमानत लो अपनी,
करबद्ध 🙏 निवेदन करता हूँ !
ये कन्या रूपी नवरत्न तुम्हें,
मैं आज समर्पित करता हूँ !!
इससे कोई भूल होगी,
ये सरला है , सुकुमारी है !
इसकी हर भूल क्षमा करना ,
ये मेरे घर की राजदुलारी है !!
मेरी कुटिया की शोभा है,
जो तुमको अर्पण करता हूँ !
ये कन्या रूपी नवरत्न तुम्हें ,
मैं आज समर्पित करता हूँ !!
भाई से आज बहन बिछ्ड़ी ,
माँ से बिछ्ड़ी उसकी ममता !
बहनों से आज बहन बिछ्ड़ी ,
लो तुम्हीं इसके आज सखा !!
मैं आज पिता कहलाने का,
अधीकर समर्पित करता हूँ !
ये कन्या रूपी नवरत्न तुम्हें,
मैं आज समर्पित करता हूँ !!
जिस दिन था इसका जन्म हुआ,
ना गीत हुए ना बजी शहनाई !
पर आज विदाई के अवसर पर,
मेरे घर बजती खूब शहनाई !!
यह बात समझकर मैं,
मन ही मन रोया 😭 करता हूँ !
ये गौकन्या रूपी नवरत्न तुम्हें,
मैं आज समर्पित करता हूँ !!
ये गौकन्या रूपी नवरत्न तुम्हें,
मैं आज समर्पित करता हूं .....
😌😌😌
👌 बहुत सुन्दर लाईन 👌
दहेज़ में बहु क्या लायी...
ये सबने पूछा...
लेकिन एक बेटी क्या क्या छोड़ आई...
किसी ने सोचा ही नहीं...
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माँ की ममता का सागर ये,
मेरी आँखों का तारा है !
कैसे बतलाऊँ तुमको ,
किस लाड प्यार से पाला है !!
तुम द्वारे मेरे आए हो,
मैं क्या सेवा कर सकता हूँ !
ये कन्या रूपी नवरत्न तुम्हें,
मैं आज समर्पित करता हूँ !!
मेरे ह्रदय के नील गगन का,
ये चाँद सितारा है !
मैं अब तक जान ना पाया था,
इस पर अधिकार तुम्हारा है !!
ये आज अमानत लो अपनी,
करबद्ध 🙏 निवेदन करता हूँ !
ये कन्या रूपी नवरत्न तुम्हें,
मैं आज समर्पित करता हूँ !!
इससे कोई भूल होगी,
ये सरला है , सुकुमारी है !
इसकी हर भूल क्षमा करना ,
ये मेरे घर की राजदुलारी है !!
मेरी कुटिया की शोभा है,
जो तुमको अर्पण करता हूँ !
ये कन्या रूपी नवरत्न तुम्हें ,
मैं आज समर्पित करता हूँ !!
भाई से आज बहन बिछ्ड़ी ,
माँ से बिछ्ड़ी उसकी ममता !
बहनों से आज बहन बिछ्ड़ी ,
लो तुम्हीं इसके आज सखा !!
मैं आज पिता कहलाने का,
अधीकर समर्पित करता हूँ !
ये कन्या रूपी नवरत्न तुम्हें,
मैं आज समर्पित करता हूँ !!
जिस दिन था इसका जन्म हुआ,
ना गीत हुए ना बजी शहनाई !
पर आज विदाई के अवसर पर,
मेरे घर बजती खूब शहनाई !!
यह बात समझकर मैं,
मन ही मन रोया 😭 करता हूँ !
ये गौकन्या रूपी नवरत्न तुम्हें,
मैं आज समर्पित करता हूँ !!
ये गौकन्या रूपी नवरत्न तुम्हें,
मैं आज समर्पित करता हूं .....
😌😌😌
👌 बहुत सुन्दर लाईन 👌
दहेज़ में बहु क्या लायी...
ये सबने पूछा...
लेकिन एक बेटी क्या क्या छोड़ आई...
किसी ने सोचा ही नहीं...
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