Tuesday 31 January 2017

♡♡♡#माँ_का_प्यार♡♡♡

इक थपकी नींद ले आती है वो जब भी लोरी गाती है,
चेहरे के भाव को देख के ही हर बात समझ वो जाती है।
मेरी नादानी, मेरी शैतानी, मेरी तोतली बातें बचकानी
देख के मेरे बचपन में वो अक्सर ही मुस्कुराती है,
बिगड़े जरा सी हालत तो चिंता में वो पड़ जाती है,
देखभाल में मेरी अकसर सारी रात जाग कर बिताती है,
इक थपकी नींद ले आती है वो जब भी लोरी गाती है,
चेहरे के भाव को देख के ही हर बात समझ वो जाती है।
खुद भूखी रह जाती है पर भूखा न मुझे सुलाती है,
वो खाली पेट बसर कर मुझको भर पेट खिलाती है,
हैरान हूँ मैं वो पढ़ी नहीं है अक्षरों से कभी वो लड़ी नहीं है,
न जाने कैसा जादू है वो मेरी हर धड़कन पढ़ जाती है,
इक थपकी नींद ले आती है वो जब भी लोरी गाती है,
चेहरे के भाव को देख के ही हर बात समझ वो जाती है।
वो तपती धूप में छाया है वो प्यार की पावन माया है,
माँ की महिमा को तो खुद भगवान ने भी गाया है,
उसके आशीर्वाद से ही हर दुःख तकलीफ मिट जाती है,
“माँ” की मौजूदगी से ही तो घर में खुशियां आती हैं
इक थपकी नींद ले आती है वो जब भी लोरी गाती है,
चेहरे के भाव को देख के ही हर बात समझ वो जाती है।

आपको ये माँ पर कविता कैसी लगी, कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं हमें आपके अनमोल विचारों की प्रतीक्षा रहेगी।

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