Sunday 3 June 2018

"सभी माँओं की झूठी बीमारी"* ----



"सभी माँओं की झूठी बीमारी"* -----
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*"नानी, मैं एक कुल्फी और ले लूं, प्लीज़.."*.....चीकू ने फ्रिज खोलते हुए पूछा.

*"चीकू, तुम खा चुके हो, गलत बात, वो कुल्फी नानी की है, हटो वहाँ से"* ...... मैंने अपने 6 साल के बेटे को आँखे तरेरी,, लेकिन तब तक चीकू की नानी कुल्फी उसके हवाले कर चुकी थी |


मैने थोडा नाराज होते हुये कहा..... *"क्या माँ आप भी ना,, मैं खास आपके लिए ये मलाई कुल्फी लाई थी| चीकू तो खा चुका था "*
माँ बोली...... *"अरे बेटा, जब से घुटनों में दर्द बढ़ा है ना, डॉक्टर ने कुछ भी ठंडा खाने को मना कर दिया है"*.....

मैंने सिर पकड़ लिया, माँ की वही *"पुरानी बीमारी झूठ बोलने की"* | बचपन में हमेशा यही होता था,, बस माँ जान जाएं कि हमें क्या अच्छा लगा और ये बीमारी उन्हें घेर लेती थी..... *"माँ!! मटर पनीर और है क्या, बहुत अच्छी बनी है"* .....
माँ एकदम बोल उठती..... *"हाँ, मेरी कटोरी से ले लो, मुझसे तो और खाई ही नहीं जा रही, मिर्च बहुत है इसमे"*.....

एक बार पापा बडे शौक से,, माँ के लिए गुलाबी लिपस्टिक लाए थे| बड़ी बुआ को लिपस्टिक भा गई और माँ की फिर वही बिमारी...... *"अरे,रख लो जीजी,, मुझे तो ये रंग बड़ा खराब रंग लगता है"*,....

इसके बाद दो दिनों तक मैंने माँ से बात नहीं की थी | पापा ने समझाया,.... *"बेटा, तुम्हारी माँ ने कभी अपने लिए कुछ नहीं चाहा,, ऐसी ही है वो"*....

चीकू की छुट्टियाँ खत्म होने वाली थी,, एक दो दिन में वापस जाना था | मैने अपने लिए कुछ साड़ियाँ ख़रीदीं,, जिनमें से *"हरी बंधेज साड़ी माँ को बहुत पसंद आई,, बार बार उलट पलट कर देखती रही"*...
मैने कहा..... *"माँ, ये आप रख लीजिए, मैं दूसरी ले लूंगी"*
माँ बोली..... *"अरे नहीं, ये हरा रंग,, ना बाबा ना,, बहुत चटक है| इतना चटक रंग मुझे अच्छा नही लगता"*...

सुबह मुझे निकलना था । सारी पैकिंग हो चुकी थी, मैं बहुत परेशान थी....
*"क्या हुआ बेटा, क्या ढूंढ रही हो तब से..?"*.....माँ ने पूछा

*"कुछ नहीं माँ, वो रसीद नहीं मिल रही और बिना रसीद साड़ी वापस होगी नहीं "*......मैंने अपना पर्स खंगालते हुए कहा |

माँ.... *"लेकिन साडी़ वापस क्यों करनी है ?? तुम तो सारी साड़ियाँ अपनी पसंद से लाई थी "*
*"हाँ माँ, लेकिन चीकू के पापा को हरी बँधेज वाली साडी़ बिल्कुल पसंद नहीं आई,, मैने फोटो भेजी थी | नाराज हो रहे थे, बोले... अच्छी नही,, तुरंत वापस करो "*..... लेकिन बिना रसीद कैसे करूँ ?? मैं रुआंसी थी |
माँ बोली..... *"वापस ही करनी है,, तो मैं रख लेती हूँ"*... और माँ साड़ी लेकर अंदर चली गईं |

तभी देखा,,, दरवाज़े पर पापा खड़े मुस्कुरा रहे थे, मेरी चोरी पकड़ी गई थी | वो बोले.....
*"लग गई माँ की बीमारी,, तुम्हें भी"*....

पापा ने सिर पर हाथ फेरा, *"सदा खुश रहो!"*


ऐसी होती हैं माँये

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