आप भगवान हो " ये शब्द अगर आपके लिए कोई कहे तो आपको कैसा लगेगा?
दोपहर लगभग 12 बजे कडकती धूप तकरीबन 45 डिग्री के आसपास ऑफिस से बाहर काम के लिए जा रहा था गला सूख रहा था सोचा कुछ ठंडा पीया जाए तभी एक गन्ने के रस की दुकान पर नजर गई मैंने बडा गिलास आर्डर किया ,जूस वाला ताजा जूस निकाल रहा था की अचानक मेरी नजर एक बच्ची पर गई जो लगभग5या 6साल की होगी जो कुछ सिक्के गिन रही थी ओर जूस वाले से बोली-भैया5रूपए का जूस दे दो पहले तो जूस वाले ने मना किया जब वो लडकी वहाँ से नही हटी तो उसे कुछ डांटकर अपशब्द कहने लगा,मुझे कुछ बुरा लगा मैंने गन्ना जूस दुकान वाले को डांटा फिर उस लडकी से पूछा-क्या बात हे वो बोली-दादा (लड़की बंगाली थी भाई को दादा कहते हैं बंगाली में) भैया 10 ,20,30 ,रूपए मे जूस बेचते हे बहुत दिनो से जूस पीना चाहती हूँ मे बस भैया को बोल रही थी 5 रूपए का जूस दे दो ओर कहकर रोने लगी ,मैंने उस दुकान वाले को देखा ओर अपना जूस उस लडकी को देने को कहा, ओर अपने लिए एक ओर गिलास का आर्डर दे दिया,दोस्तों उस लडकी ने ऐसे जूस पीया जैसे कई सालो से उसे प्यास लगी हो मैंने भी जूस पीना शुरू किया था तभी उस लडकी की मां आ गई ओर लगी उसे डांटने ,जब लडकी ने मेरी तरफ इशारा करके कहा बाबूजी ने दिलवाया है तब वो मानी वरना वो लडकी को डांटे जा रही थी ,जूस पीकर वो लडकी बोली-दादा आपको जरूर भगवान ने भेजा हे ना या आप खुद भगवान हो मे ये सुनकर हैरान था जब मैंने उससे पूछा तो वो बोली-मां कहती है जब कोई भूखा हो प्यासा हो तो भगवान उसके लिए कैसे ना कैसे आकर मदद करते हे या अपने किसी व्यक्ति को भेजते है ,मे ये शब्द सुनकर जबतक संभलता वो अपनी मां संग जा चुकी थी उस एक पल मे एहसास हुआ हम मंदिरों मे चढावे मे कितने पैसे चढाते हे अगर वही उनमें से कुछ पैसों से ऐसे किसी गरीब को कुछ खाने पीने का समान बांटे तो कैसा रहे,हमारे घरों मे कुछ कपडे जोकि हम नही पहनते या हमारे बच्चे उनको नही पहनते(शायद छोटे होने पर,रंग पसंद ना होने पर )ऐसे कपडे कयो ना हम उन गरीब बच्चो मे बांट दे ,दोस्तों कहते हे किसी गरीब की दुआ खाली नही जाती ओर सच पूछिए तो मन को एक अजीब सा सुकून मिलता हे इस घटना के बाद से मे कुछ ऐसा करने की कोशिश करता रहता हूँ आप भी करके देखिए यकीन मानिए अच्छा लगेगा।✍✍
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