Wednesday 14 September 2016

हो गयी शाम किसीके इंतज़ार में,



हो गयी शाम किसीके इंतज़ार में,
ढल गयी रात उसीके इंतज़ार में,
फिर हुआ सवेरा उसके इंतज़ार में,
इंतज़ार ही मुकद्दर बन गयी इंतज़ार में !




हम तुमसे दूर कैसे रह पाते,
दिल से तुमको कैसे भूल पाते,
काश तुम आईने में बसे होते,
ख़ुद को देखते तो तुम नज़र आते !


जज़्बात
 बहकता है जब तुमसे मिलती हूँ,
अरमां मचलता है जब तुमसे मिलती हूँ,
हाथों से हाथ और होठों से होंठ मिलते हैं,
दिल से दिल मिलते हैं जब तुमसे मिलती हूँ !


वो  आए उनकी याद वफ़ा कर गई,
उनसे मिलने की चाह सुकून तबाह कर गई,
आहट दरवाज़े की हुई तो उठकर देखा,
मज़ाक हमसे हवा कर गई !



जिसे दिल--जान से चाहा,
उसे अपना  बना पाया,
अब पूछ रहा है वीराना,
क्या पाया बनके दीवाना ?
 जाने कौन हैं हम,
 जाने क्या है मेरी पहचान,
कोई तो हो जिसे हम कह सके अपना,
हम जिसके लिए  रहे अंजान !



खुशियों की बरसात लहराती रहे,
आपको मेरी याद आती रहे,
बरसते रहे यूँ हमारी यादों के बादल,
हर बूँद हमारा एहसास दिलाती रहे !

इतने गहरे नाते कभी तोड़े नहीं जाते,

बीच राह में हमसफ़र यूँ छोड़े नहीं जाते,
तुमसे जुदा होकर 'उर्मीहो गई है उदास,
इन आँसुओं से बिछुड़े पल जोड़े नहीं जाते !

आँसू है कि आँखों से नहीं थमते,
ज़ख्म किसी की यादों के नहीं भरते,
हम उनको हर लम्हा याद किया करते,
पर वो भूले से भी याद नहीं करते !
पल पल तरसते थे जिस पल के लिए,
वो पल भी आया तो कुछ पल के लिए,
सोचा था उस पल को ज़िन्दगी बनालें,
पर वो पल भी ठहरा तो कुछ पल के लिए !

रूठी जो ज़िन्दगीमना लेंगे हम,
मिले जो गमसह लेंगे हम,
बस आप रहना हमेशा साथ हमारे,
निकलते हुए आँसूं में भी मुस्कुरा लेंगे हम !

तेरे इंतज़ार में ये नज़रें झुकी है,
तेरे चेहरे की झलक देखने की आस है,
 जानूँ तेरा नाम तेरा पता,
पर दिल में अनजानी सी बेचैनी जगी है !

तुझे अपना मुकद्दर बनायेंगे हम,
तेरे संग हर लम्हा बितायेंगे हम,
ज़िन्दगी भले ही रूठे तू  रूठ जाना,
तेरे बिन  जी पायेंगे हम !
बेताब तमन्नाओ की कसक रहने दो,
मंजिल को पाने की झलक रहने दो,
आप भले ही रहो दूर नज़रों से,
पर बंद पलकों में अपनी झलक रहने दो !
चाचा नेहरु का है आज जन्मदिन,
मिलकर मनाये सारे बच्चे आज का दिन,
चाचा जी को था बच्चों से लगाव और प्यार,
उनको शत शत नमन और श्रद्धा अपार !
ज़माने से नहींतन्हाई से डरते हैं,
प्यार से नहींरुसवाई से डरते हैं,
मिलने की उमंग है दिल में लेकिन,
मिलने के बाद तेरी जुदाई से डरते हैं !
नज़रों में तुम्हारे नज़ारे रहेंगे,
पलकों पे यूँही चाँद सितारे रहेंगे,
चाहे बदल जाये ये ज़माना,
पर हम हमेशा तुम्हारे ही रहेंगे !
आँसू में  ढूंढों हमें
दिल में बस जायेंगे तुम्हारे,
तमन्ना हो अगर मिलने की,
तो बंद आँखों में नज़र आयेंगे ! 


अगर
 ज़िन्दगी में जुदाई  होती,

तो कभी किसीकी याद आयी  होती,
साथ ही गुज़ारते हर लम्हें,
तो रिश्तों में ये गहराई  होती ! 

लम्हों की एक किताब है ज़िन्दगी,
सांसों और ख्यालों का हिसाब है ज़िन्दगी,
कुछ ज़रूरतें पूरी और कुछ ख्वाइशें अधूरी
बस इन्हीं चंद सवालों का जवाब है ज़िन्दगी ! 



आपकी खुशियाँ कभी कम  हो,
दामन में आपके कोई काँटें  हो,
जब भी कोई मुसीबत आए,
तो "माँ दुर्गाआपके साथ हो,
माँ दुर्गा के आशीर्वाद से,
आपके जीवन में प्रकाश ही प्रकाश हो !

Wednesday, September 28, 2011

लाल फूलों की माला से सजा माँ का दरबार,
पुलकित हुआ मनउतावला हुआ संसार,
माँ अपने क़दमों से आयी है आपके द्वार,
मुबारक हो आपको नवरात्रि का ये पावन त्यौहार !
खुशबू की तरह आपके पास बिखर जाऊँगी,
सुकून बनकर दिल में उतर जाऊँगी,
ज़रा महसूस करने की कोशिश कीजिये,
दूर रहकर भी पास नज़र आऊँगी !
आते हैं बड़े धूम से गणपति जी,
सबके दिलों में बसते हैं गणपति जी, 
उमंग से भरा हो सबका चेहरा,
यही है मेरी गणेश चतुर्थी की शुभकामना ! 

दर्द को भी दर्द होने लगा,
दर्द ख़ुद ही मेरे घाव धोने लगा, 
दर्द के लिए मैं तो रोया नहीं
पर मुझे दर्द छूकर 
ख़ुद रोने लगा ! 

यशोमती मैया का नंदलाला गोपाला,
बंसी की धुन पर सबके दुःख हरनेवाला,
मुरली मनोहरब्रिज के धरोहर,
दही की हांडीबारिश का फुहार,
सावन की सुगंधकन्हैया का प्यार,
मुबारक हो सबको जन्माष्टमी का त्यौहार ! 

वादा करके उसे वो निभा न सके,
क्यूँ किया हमें प्यार जब जता न सके?
बातें तो उम्र भर साथ चलने की थीं....
दो कदम भी तो साथ में जा न सके । 

दिल हमारा एक हैएक है हमारी जान,
हिन्दुस्तान हमारा हैहम है इसकी शान,
हम हिन्दुस्तानी अपने हाथ धरे,
आओ स्वतंत्रता दिवस का मान करें ! 
कभी दिल को, कभी शम्माँ को जलाकर रोए,
तेरी यादों को सीने से लगाकर रोए,
रात की गोद में जब सो गई दुनिया सारी,
तो हम चाँद की इक तस्वीर बनाकर रोए ! 

सभी नगमें साज़ में गाये नहीं जाते, सभी लोग महफ़िल में बुलाये नहीं जाते, कुछ पास रहकर भी याद नहीं आते, कुछ दूर रहकर भी भुलाये नहीं जाते !

उनको अपने हाल का हिसाब क्या देती,
सवाल सारे गलत थे, जवाब क्या देती?
वो तो अल्फ़ाज़ की हिफाज़त ना कर सके,
उनको ज़िन्दगी की किताब क्या देती?
आँखों से तेरे अश्क उतार लेंगे,
तुझे ख़ुशी देकर गम उधार लेंगे,
तेरे जाने के बाद आयेगी तेरी याद,
तेरे ख्यालों में ही वक्त गुज़ार लेंगे !
चिरागों से अँधेरे दूर हो जाते,
तो चाँद की चाहत हमें कभी  होती,
अगर कट सकती यह ज़िन्दगी अकेले,
तो हमें आपकी भी ज़रुरत  होती !
तेरी याद में रहती हूँ हरदम बेचैन,
ख़्वाबों में खोए -खोए रहते ये नैन,
तरसता मिलन को पल हर पल मेरा जिया,
तेरे बिन अब न ज़रा आए मुझको चैन !

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