Friday, 14 October 2016


शरद पूर्णिमा पर कविता के लिए चित्र परिणाम




सभी को यथायोग्य
प्रणामाशीष

 पा भू दमकी
प्लैटिनम की हार
राका सौगात

आज चन्द्रमा 
अपनी पूरी सोलह कलाओं के साथ
आकाश को प्रकाशित करेगा
शरद पूर्णिमा की रात है
आकाश से अमृत की वर्षा होगी

और..एक विशेष सुखद बात
वो ये है कि
पाँच लिंको के आनन्द की

साल दर साल यूँ ही गुजरता रहे


तिलामलकचूर्णेन गृही स्नानं समाचरेत्।
विधवास्त्रीयतीनां तु तुलसीमूलमृत्सया।।
सप्तमी दर्शनवमी द्वितीया दशमीषु च।
त्रयोदश्यां न च स्नायाद्धात्रीफलतिलैं सह।।


चाँद पूनम का






शरद पूर्णिमा

चन्दा तो सब का है,  सब पर
शीतलता,   चाँदनी    लुटाता ।
काश कि, चन्दा सीधे सब की
जिह्वा  पर  अमृत  टपकाता ॥


मालपुआ







चंदा चमके चम-चम

आज शरद रितु की ओपनिंग सेरेमनी का जाम फुलमून के नाम. 

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