Tuesday 18 October 2016

एसीडीटी

एसीडीटी



                                                                    अति अम्लता                                                        
 आहार नली के ऊपरी हिस्से में अत्यधिक अम्लीय द्रव संचरित होने से खट्टापन और जलन का अनुभव होना ही एसिडिटी कहलाता है। जिससे मुहं में भी जलन और अम्लीयता आ जाती है।
आमाशयिक रस में अधिक हायड्रोक्लोरिक एसिड होने से यह स्थिति निर्मित होती है।
   आमाशय सामान्यत: भोजन पचाने हेतु जठर रस का निर्माण करता है। लेकिन जब आमाशयिक ग्रंथि से अधिक मात्रा में जठर रस बनने लगता है तब हायडोक्लोरिक एसिड की अधिकता से एसिडिटी की समस्या पैदा हो जाती है। बदहजमी,सीने में जलन और आमाशय में छाले इस रोग के प्रमुख लक्षण हैं।
  एसिडिटी के प्रमुख कारण निम्न हैं-
अधिक शराब का सेवन करना, अधिक मिर्च-मसालेदार भोजन-वस्तुएं उपयोग करना,मांसाहार,
कुछ अंग्रेजी दर्द निवारक गोलियां भी एसिडिटी रोग उत्पन्न करती हैं।
भोजन के बाद अम्लता के लक्षण बढ जाते हैं। तथा रात में लेटने पर भी एसिडिटी के लक्षण उग्र हो जाते हैं।
 निम्न  घरेलू पदार्थों से एसिडिटी का ईलाज निरापद और हितकारी होता है।
१) शाह जीरा  अम्लता निवारक होता है। डेढ लिटर पानी में २ चम्मच शाह जीरा डालें । १०-१५ मिनिट उबालें। यह काढा मामूली गरम हालत में  दिन में ३ बार पीयें। एक हफ़्ते के प्रयोग से एसिडीटी नियंत्रित हो जाती है।
२) भोजन पश्चात थोडे से बिना मसाले का गुड की डली मुहं में रखकर चूसें। हितकारी उपाय है।
३) सुबह उठकर  २-३ गिलास पानी पीयें। आप देखेंगे कि इस उपाय से अम्लता निवारण में बडी मदद मिलती है।
४) तुलसी के दो चार पत्ते दिन में कई बार चबाकर खाने से अम्लता में लाभ होता है।
५)  एक गिलास जल में २ चम्मच सौंफ़ डालकर उबालें। रात भर रखे। सुबह छानकर उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पीयें। एसिडीटी नियंत्रण का उत्तम उपचार है।
७) आंवला एक ऐसा फ़ल जिससे शरीर के अनेकों रोग नष्ट होते हैं। एसिडीटी निवारण हेतु आंवला क उपयोग करना उत्तम फ़लदायी है।
८)  पुदिने का रस और पुदिने का तेल पेट की गैस और अम्लता निवारक कुदरती पदार्थ है। इसके कैप्सूल भी मिलते हैं।
९)  फ़लों का उपयोग अम्लता निवारंण में महती गुणकारी है। खासकर केला,तरबूज,ककडी और पपीता बहुत फ़ायदेमंद हैं।
१०)  ५ ग्राम लौंग और ३ ग्राम ईलायची का पावडर बना लें। भोजन पश्चात चुटकी भर पावडर मुंह में रखकर चूसें। मुंह की बदबू भी दूर होगी और अम्लता में भी लाभ होगा।
११) दूध और दूध से बने पदार्थ अम्लता नाशक माने गये हैं।
१२) अचार,सिरका,तला हुआ भोजन,मिर्च-मसालेदार चीजों का परहेज करें। इनसे अम्लता बढती है। चाय,काफ़ी और अधिक बीडी,सिगरेट उपयोग करने से एसिडिटी की समस्या पैदा होती है। छोडने का प्रयास करें।
१३) एक गिलास पानी में एक नींबू निचोडें। भोजन के बीच-बीच में नींबू पानी पीते रहें। एसिडिटी का समाधान होगा।
१४)  आधा गिलास मट्ठा( छाछ) में १५ मिलि हरा धनिये का रस मिलाकर  पीने से बदहजमी ,अम्लता, सीने मे जलन का निवारन होता है।
१५) सुबह-शाम २-३ किलोमिटर घूमने से तन्दुरस्ती ठीक रहती है और इससे अम्लता की समस्या से निपटने में भी मदद मिलती है।
                                                   

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