ये अदावत है साहिब मुहब्बत नहीं
यूं बहाने बनाने से क्या फ़ायदा
साफ़ कह दीजिए हम से उल्फ़त नहीं
मेरे अश्कों से रोशन मेरी रात है
चांद तारों की मुझको ज़रूरत नहीं
दिल जलाते हैं हम रोशनी के लिए
इन चरागों की हमको ज़रूरत नहीं
प्यार के खेल में हार ही हार है
ये फ़साना है सोनी हकीक़त नहीं
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